ITI Electrical Trade Exam Question (NCVT/SCVT Both)


चल लौह यंत्र का उपयोग ए.सी/ डीसी धारा मापने के लिए सुगमता से किया जाता है ।

 एसी/डीसी बोल्टता, डीसी एंपियर और ओम नापने वाला यंत्र मल्टीमीटर कहलाता है ।

 श्रेणी क्रम में धारामापी को जोड़ा जाता है।

 किसी चालक/ प्रतिरोधक का प्रतिरोध मापने वाला यंत्र ओम मापी कहलाता है।

 बल्ब का प्रकाशित होना, विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव का एक उदाहरण है ।

 नट बोल्ट जोड़ने के लिए प्रक्षेपण वेल्डिंग की जाने वाली वेल्डिंग विधि है।

 प्रदीप्त पुंज की मात्रक ल्यूमेन है।

 230 वोल्ट एसी स्रोत पर 37 वोल्टता बल्ब की लड़ाई के लिए 6.3V वोल्टता बल्ब लगाने चाहिए ।

 मरकरी वाष्प लैम्प की औसत आयु 3000 घंटे होती है।

 विद्युत स्टोव का उष्मक  तन्तु चीनी मिट्टी की चकती में स्थापित किया जाता है।

 विद्युत केतली की वोल्टेज सामान्यता 350 वोल्ट होती है।

 ए.सी को डी.सी में परिवर्तित करने के लिए न्यूनतम एक डायोड चाहिए ।

 होल्स की बहुलता वाला अर्धचालक पदार्थ P पदार्थ कहलाता है।

 वोल्टता रेगुलेटर परिपथ में जीनार डायोड जाने वाला डायोड है ।

 वर्तमान इनवर्टर में MOSFET ट्रांजिस्टर आमतौर पर प्रयोग किया जाता है ।

 "N " प्रकार का चालक मुक्त इलेक्ट्रॉन की बहुलता वाला होता है ।

 पूरक सममिति प्रवर्धक परिपथ में PNP एवं  NPP प्रयोग किए जाते है ।

 दिक्परिवर्तक ब्रशो  के लिए पदार्थ समान्य कार्बन रूप से होता है।

 विद्युत तापक के तार सामान्य रूप से नाइक्रोम के बने होते हैं।

 चुंबकीय गुंजन चुंबकीय बलों के कारण उत्पन्न होती है।

 जब स्थाई चुंबक दो टुकड़े में टूट जाता है तो प्रत्येक टूटे टुकड़े में से एक दक्षिणी ध्रुव तथा दूसरे उत्तरी ध्रुव जाएगा।

 एयर सर्किट ब्रेकर में आर्क को बुझाने के लिए प्रयुक्त वायु माध्यम है ।

 विद्युत उत्सर्जन बत्तियों में प्रकाश उत्पन्न कैथोड किरण उत्सर्जन द्वारा होता है ।

 सोडियम वाष्प उत्सर्जन बत्ती का रंग पीला होता है ।

 प्रकाश का रंग तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करता है।

 वोल्टेज फ्लोवर कॉमन एमिटर को कहते हैं ।

 विद्युत वितरण प्रणाली में स्टार संयोजक का प्रयोग किया जाता है ।

 यदि ए सी लाइन में 8-10 इंडक्शन मोटर्स संयोजित हो तो पावर फैक्टर लैंगिग होगा ।

 चांदी, सोना, बिस्मथ, जस्ता पारा प्रतिचुंबकीय हैं ।

 स्व प्रेरकत्व  एवं सह- प्रेरकत्व का मात्रक  हेनरी है ।

 यदि कार्बन प्रतिरोधक के अंकित पट्टियों का रंग क्रमशः पीला, बैगनी ,नारंगी एवं चांदनी हो तो उसका प्रतिरोध मान 45k ओम+ 10 ℅ होगा ।

 1 फैरड 9×10 e.s.u के बराबर होता है।

 किसी ट्रांसफार्मर की लपेटें प्रेरणिक विधि से संबंधित रहती है।

 जिस पात्र में वैद्युतिक  अपघटन की प्रक्रिया संपन्न की जाती है वह वोल्टामीटर कहलाती है।

 विद्युत रंजन प्रक्रिया में धनोद नोबल धातु प्लेट से जुड़ा हुआ होता है ।

 धन आवेश युक्त कण कैटायन कहलाते हैं।

 संचयन सैल में आंसुत जल डालकर सैल की प्लेटों को भली प्रकार विद्युत अपघट्य में डूबाने की प्रक्रिया टॉपिंग अप कहलाती है ।

 यदि किसी लैड एसिड बैटरी का सल्फेट कठोर हो गया तो उसका उपचार ट्रिकिंग आवेषण है ।

 विद्युत रंजन प्रक्रिया के लिए आवश्यक विद्युत सप्लाई डी सी होती है ।

 ताप वृद्धि से संधारित्र की धारिता पर प्रभाव बढ़ता है ।

 वायु अचालक संधारित्र कर्मचारी वोल्टता 500 वोल्ट डीसी होती है।

 बंद डीसी परिपथ में किसी संगम पर धातु का बीजगणितीय योग 0 होता है।

 यदि किसी कार्बन प्रतिरोध की चौथी पट्टी का रंग लाल हो तो उनकी सहन सीमा ±2 परसेंट होगी।

 गतिजन्य प्रेरित डीसी जनित्र द्वारा उत्पन्न वि.वा.ब कहलाती है।

 विद्युत शक्ति उत्पादन केंद्र से विद्युत शक्ति का परीक्षण अत्यधिक उच्च ऐ.सी. मूर्खता पर किया जाता है क्योंकि उच्च वोल्टता पर धारा का मान कम होने के कारण शक्ति  ह्रास कम होता है ।

 ए.सी परिपथ में आयाम घटक का मान 1.414 होता है।

 प्रतिरोध का मात्रक ओम है ।

 बड़े जनित्र में प्रयोग किए जाने वाले ब्रश तांबे के होते हैं।

 बैटरी आवेषण कार्य के लिए उपयुक्त जनित्र शंट  है ।

 डी.सी विद्युतिक ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन डी.सी मीटर कहलाती है।

 शंट कुण्डलन का प्रतिरोध आर्मेचर कुण्डलन.से अधिक होता है।
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