ITI Electronic Mechanic Trade Exam Question (NCVT/SCVT Both)


भारत में घरेलू इस्तेमाल की ए .सी. सप्लाई 220 वोल्ट होती है ।

 भारत में ए.सी. सप्लाई की फ्रीक्वेंसी 50hz होता है ।

 आवेश की प्रवाह की दर को करंट कहते हैं।

 करंट वोल्टेज और रजिस्टेंस का मात्रक एंपियर, ओल्ड और  ओम है ।

 कॉपर ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि कम प्रतिरोध सिल्वर से अच्छा और आसानी से खींचा जा सकता है ।

 एक AVO मीटर करंट,  वोल्टेज और  प्रतिरोध माप सकता है ।

 ओम मीटर के प्रोब शार्ट सर्किट होने पर पॉइंट जीरो ओम दिखाएगा ।

 सिलिकॉन का परमाणु क्रमांक 14 है तो 14 इलेक्ट्रॉनिक्स होगा  ।

 किसी तत्व का परमाणु भार न्यू न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या के बराबर होगा ।

 वायर गेज तार की मोटाई नापने के लिए प्रयोग किया जाता  है ।

 फ्यूज करंट के हीटिंग इफेक्ट पर कार्य करता है ।

 फ्यूज सीरीज लाइन में  जुड़ा होना चाहिए।

 ब्रिटानिया ज्वाइंट ओवरहेड इस्तेमाल करते हैं 

 एक कॉपर तार पर 7/20 लिखा हो तो उसमें 7 तार होगे।

 लो वोल्टेज ग्रेड तार पर वोल्टेज रेटिंग 250 वोल्टेज होगी

 इलेक्ट्रॉनिक प्रेस के लिए 3 कॉटन तार सही रहेगा ।

 लग्स वायर के टर्मिनल पर इस्तेमाल होते हैं ।

 लंग्स को क्रिंपिंग टूल द्वारा फिट करते हैं ।

 ऑसिलेशन लेशन के लिए टेण्ड  क्वायल की आवश्यकता होती है।

 डिप्लीशन कैपेसिटेंस रिवर्स बायन रीजनमे डोमिनेट करता है ।

 वोल्टेज- डिवाइडर बायस ट्रांसिस्टर सर्किट सिंगल पोलैरिटी सप्लाई वोल्टेज के साथ अच्छी q-point स्टेबिलिटी प्रदान करता है ।

 बफर के रूप में प्रयुक्त होने वाली डिजिटलॉजिक एक हाई इंनपुट इंपेडेंस और लो आउटपुट इंपेडेंस कैरेक्टरस्टिक्स होनी चाहिए।

 प्रोपेगेशन डिले किसी आउटफुट के लिए इनपुट चेंज के परिणाम स्वरुप परिवर्तित होने के लिए आवश्यक समय को कहा जाता है ।

 वाउंडेड कंपेरेटर के डिजाइन के लिए रेक्टिफायर डायोड और जेनर डायोड आवश्यक होता है।

 विशिष्ट ऑपरेशनल एंपलीफायर की इनपुट स्टेज ड्यूल इनपुट बैलेंस आउटपुट डिफरेंशियल एमप्लीफायर होगी ।

 MOSFET पिन्स उपयोग में नहीं होती है, तब इन्हें कंडक्टिव फ्रॉम के प्रयोग के माध्यम से सामान पोटेंशियल पर रखी जाती है ।

 किसी एंपलीफायर में नेगेटिव फीडबैक की सेंसिटिविटी बढ़ती है ।

 आपको एक रिलैक्सेशन ऑस्किलेटर सर्किट डिजाइन करना है यूजेटी डिवाइस के इस्तेमाल की संभावना सबसे ज्यादा है ।

 श्री सेक्शन आरसी फेज शिफ्ट ऑसिलेटर का अटेन्युएशन  1/3 होता है ।

 शमित ट्रिगर वाले कंम्परेटर में  दो ट्रिकल लेवल होते हैं ।

 डेसीमल टू बी सी डी एन्कोडर में 10 इनपुट होते हैं ।

 एंपलीफायर एप्लीकेशन में एफ ई टी ऑपरेट कंट्रोल्ड सोर्स सीजन में किया जाता है ।

 बेस 10 डेसिमल नंबर सिस्टम को संदर्भित करता है ।

 एक ट्रांजिस्टर में HFE है, इसका HFC- 28 होगा ।

 कॉमन बेस विन्यास में स्थिर रूप से हाई कट ऑफ फ्रीक्वेंसी होती है ।

 इंटेग्रेटर सर्किट वह आउटपुट निर्मित करता है जो लगभग 1 इनपुट फंक्शन के कर्व के अंतर्गत आने वाले एरिया के निकट होता है  ।

 अल्फाबेट कैरेक्टर हेतु ASCII को साथ की जरूरत होती है ।

 प्रयुक्तकी जाने वाली सर्वाधिक स्टेबल बायसिंग तकनीक वोल्टेज डिवाइडर बायस है ।

 एमिटर बायस तकनीक का उपयोग स्टेबल बायसिंग के लिए किया जाता है ।

 बहुत कम आउटपुट इंपेडेंस 80 ऑसिलेटर की स्टार्ट ना होने का कारण नहीं है ।

 जब वी-जी= 0v तब JFEB सेचुरेटेड होता है ।

 वैरेक्टर डायोड फ्रिकवेंसी सिंथेसाइजर्स में उपयोग के लिए अच्छा होता है ।

 फेज शिफ्ट सर्किट एक ओसीलेटर है ।

 एमिटर बायस को पॉजिटिव तथा नेगेटिव दोनों सप्लाई वोल्टेज की जरूरत होती है  ।

 एनपीएन ट्रांजिस्टर की बेस में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह कलेक्टर की भीतर होता है।

 जेके फ्लिप फ्लॉप पर जे और के टर्मिनस का महत्व उनकी डेजिग्नेशंस में कोई ज्ञात महत्व नहीं है ।

 सी-इ कॉन्फ़िगरेशन में एमिटर रजिस्टर का उपयोग स्टेबलाइजेशन करना होता है ।

 ट्राएक गेट टर्मिनल वाले डायेक की तर की तरह ट्राएक है।

 BWO डिवाइस पल्स ऑपरेशन के लिए प्रयुक्त नहीं होती है ।

 दोनों सीसी उन दो स्टेजो का नाम है  जिनके डार्लिग्टनपेयर  नहीं होते हैं ।
Previous Post Next Post