ITI Welder Trade Exam Question (NCVT/SCVT Both)


जब स्टील में कार्बन की मात्रा बढ़ती है तो स्टील का गलनांक कम हो जाता है ।

 गैस कटिंग एक रासायनिक क्रिया है 

 जब स्टील में कार्बन की मात्रा बढ़ती है तो स्टील का ज्वाला नाक बढ़ जाता है ।

 ग्राइंडिंग पिकलिंग फिनिशिंग लागत में आते हैं ।

 रेजिस्टेंस वेल्डिंग प्रोसेस नॉन फ्यूजन टाइप का है ।

 Damp Electrodes घटिया इलेक्ट्रॉडऔर लंबी आर्क के कारण पोरोसिटी दोष उत्पन्न होता है ।

 अल्युमिनियम ऑक्साइड का गलनांक 1930 डिग्री सेल्सियस होता है ।

 11G वेल्डिंग में इलेक्ट्रॉन खर्च होता है।

 एस एम ई डब्ल्यू वेल्डिंग में दानेदार फ्लक्स प्रयोग किया जाता है।

 एक C.H.U. 453.6 कैलोरी के बराबर होता है।

 73 डिग्री सेल्सियस का मान 163.4 फॉरेनहाइट होगा।

 उष्मा को उष्मामिति द्वारा मापा जाता है ।

 कास्ट आयरन को वैल्ड करने में सुपर सिलिकॉन कास्ट आयरन का फिलर रॉड  प्रयोग किया जाता है ।

 रॉड आयरन को वैल्ड करते वक्त तांबे की परत चढ़ी माइल्ड स्टील धातु का फिगर रॉड प्रयोग होता है।

 stainless-steel के लिए फिलर रॉड stainless-steel  होता है ।

 गैस मैटल आर्क वेल्डिंग को GMAW  कहते हैं ।

 हिलियम गैस के लिए आर्गन की अपेक्षा हायर वोल्टेज की आवश्यकता होती है ।

 स्पॉट वेल्डिंग इलेक्ट्रोड की टिप अलग-अलग आकार की होती है।

 सीम वेल्डिंग में रोलर इलेक्ट्राड प्रयोग किए जाते हैं।

 ब्रोज बिल्डिंग में पोस्ट हीटिंग की आवश्यकता नहीं होती ।

 मीट्रिक प्रणाली में ऊष्मा की इकाई कैलोरी होती है।

 ब्रिटिश प्रणाली में उष्मा की इकाई B.Th.U होती है।

 मोनल मैटल तांबा और जस्ता का मिश्रण है।

 तापमान को थर्मामीटर द्वारा मापा जाता है।

 वेल्डिंग ऑक्सी हाइड्रोजन फ्लेम लाभदायक है क्योंकि यह धातु के ऑक्साइड नहीं बनने देती है ।

 वेल्ड सतह का पता सप्लीमेंट्री चिन्ह द्वारा किया जाता है।

 बुलबुले के रूप में बड़े जो वैल्ड  धातु में इसके ठोस रूप में आते समय रह गई गैसों के कारण पैदा होते हैं उन्हें ब्लू होल कहते हैं।

 फिलर धातु के ऊपर बिखर कर गोलियों के रूप में जम जाने को  स्पैटर कहते हैं।

 तांबे की वेल्डिंग के लिए कॉपर सिल्वर फ्लेक्स  का उपयोग होता है।

 रंगम मैटल वेल्डिंग रॉड का उपयोग पीतल की ढलाई के लिए होता है।

 पाइप वेल्डिंग रॉड पाइपों के जोड़ बनाने में उपयोग में आता है।

 माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा 0.5 परसेंट से 0.3 परसेंट होती है।

 स्टील में सल्फर की मात्रा बढ़ाने से भंगुरता का गुण बढ़ता है।

 माइल्ड स्टील की वेल्डिंग के लिए न्यूट्रल फ्लेम का प्रयोग किया जाता है।

 हार्ड कार्बन स्टील में कार्बन की मात्रा 0.9% से 1.5% तक होती है।

 फिलर रॉड का पिघलने का बिंदु बेस 10 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

 कांसा, तांबा और टीन से मिलकर बना है।

 मोनिल मैटल  निखिलतांबाजस्ता से मिलकर बना है ।

 1 B.Th.U  252 कैलोरी के बराबर होती है ।

 ऑक्सीजन सिलेंडर काला रंग का होता है ।

 रेती की  टैग नरम रखी जाती है।

 स्टील रूल स्प्रिंग स्टील का बनाया जाता है।

 आउटसाइड कैलीपर एक अप्रत्यक्ष माफी जाने वाले को जा रहे हैं।

 प्लेट वेल्डिंग एक फ्यूजन वेल्डिंग है ।

 आयल कुल्ड ट्रांसफार्मर इंसुलेटर व कूलैंट दोनों का काम करती है।

 बैच वॉइस की साइज जॉब की चौड़ाई से लिया जाता है।

 फ्लेम जलाने के लिए पहले एसिटिलीन गैस को छोड़ना चाहिए।

 ऑक्सीजन की  रबर हौज का रंग काला होता है।

 एक पौण्ड पानी के ताप को 1℃ तक बढ़ाने के लिए प्रयुक्त  उष्मा की मात्रा को बीएचयू कहते हैं।

 वेल्डिंग विधि का विवरण टेलपर दिया जाता है।
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