ITI COPA Trade Exam Question (NCVT/SCVT Both)



मध्यम वोल्टेज ग्रेड की केबल का प्रयोग 650 वोल्ट तक कर सकते हैं  ।

 स्पेल्टर सोल्डर में तांबा तथा जस्ता का मिश्रण होता है  ।

 इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथों को सोल्डर करने वाले नरम सोल्डर में धातुओं का 7% सीसा तथा 40% टीन होता है ।

 एलुमिनियम के जोड़ पर सोल्डरिंग के लिए अल्फा पी प्रयोग करते हैं ।

 वायर वाउंड प्रतिरोध लगने वाले तार का पदार्थ टंगस्टन का होता है ।

 पंखों के रेगुलेटर में वायर वाउंड प्रतिरोध का प्रयोग करते हैं ।

 टीवी की वॉल्यूम कंट्रोल में परिवर्ती प्रतिरोध का प्रयोग करते हैं ।

 विद्युत भट्टीयों के तापक्रम नियंत्रण के लिए एनटीसी प्रतिरोध का प्रयोग करते हैं।

 स्वचालित सड़क प्रकाश व्यवस्था के लिए एलडीआर का प्रयोग करते हैं ।

 1 किलो ओम कार्बन प्रतिरोध का कलर कोड भूरा, काला तथा लाल होगा।

 सुनहरे रंग का टॉलरेंस 5% होता है  ।

 कुचालक पदार्थों का प्रतिरोध उच्च होता है ।

 प्लास्टिक का है कुचालक पदार्थ कार्बनिक है ।

 वर्ग A चालक पदार्थ सफलतापूर्वक 105 डिग्री सेल्सियस पर कार्य कर सकता है।

 अभ्रक का प्रयोग डी.सी. मशीन में किया जाता है ।

 एस्बेस्टस का रंग पीला होता है ।

 पोर्सलिन का प्रयोग किटकैट फ्यूज में किया जाता है ।

 कांच का मुख्य घटक सिलिका  है।

 ससेंचित कागज का उपयोग मोटर तथा जनरेटर में किया जाता है ।

 विद्युत शौक से सुरक्षा के लिए रबड़ के प्रयोग किए जाने वाले दस्ताने बने होते हैं  ।

 किसी स्थान पर लाइन को लटकाने के लिए पेंडेंट स्विच का प्रयोग करेंगे ।

 व्यावहारिक रूप से विद्युत रोधी तेल की परावैद्युत सामर्थ 30 से 40 k.v. मिमी तक होता है ।

 स्विच की विशेषताओं के लिए धारा क्षमता, वोल्टेज, स्विच का प्रकार आवश्यक है ।

 200 वोल्टेज से अधिक के लैपों का एडिसन स्क्रु होल्डर का प्रयोग करते हैं ।

 सीलिंग रोज का प्रयोग पंखे के लिए करते हैं  ।

 होल्डर या सॉकेट के अतिरिक्त कनेक्शन लेने के लिए एडॉप्टर का प्रयोग करते हैं ।

 प्रतिरोध को हटाने के लिए 3 पिन सॉकेट में अर्थ पिन की मोटाई अधिक रखने का कारण होता है  ।

 कारतूस प्रणाली प्रारूप इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फ्यूज इकाई का प्रयोग करते हैं ।

 डीपीआईसी स्विच 3 ठीठा सप्लाई में करते हैं ।

 बड़ी मोटरों की सुरक्षा के लिए एचआरसी फ्यूज का प्रयोग करते हैं  ।

 20 गेज तार अधिक मोटा होगा ।

 किसी चालक में इलेक्ट्रॉन के कारण विद्युत धारा प्रवाहित होती है ।

 चांदी सबसे अच्छा चालक होता है ।

 वोल्टेज विद्युत दाब कहलाता है।

 किसी चालक का प्रतिरोध चालक का क्षेत्रफल में व्युत्क्रमानुपाती होता है ।

 तापक्रम के बढ़ने पर शुद्ध धातु का प्रतिरोध बढ़ता है ।

 तापक्रम के बढ़ने पर ताप प्रतिरोध गुणांक घटता है ।

 वैक्यूम क्लीनर तापीय प्रभाव पर कार्य नहीं करता 

 16 ओम ए व बी के मध्य प्रतिरोध होगा ।

 दो 120 ओम के प्रतिरोध समानांतर में लगे है तथा 40 ओम का प्रतिरोध इन दोनों की श्रेणी में लगा है इस परिपथ में 120 वोल्ट की सप्लाई देने पर कुल प्रतिरोध तथा धारा का मान 100 ओम  व.1.2 A होगा ।

 चुंबकीय प्रभाव फिलामेंट लैंप में प्रयोग होता है।

 कैपेसिटर का कैपेसिटेन्स प्लेट की मोटाई प्रभावित नहीं होता है ।

 एक कैपेसिटर में 0.5 कूलाम का आवेश, 10 वोल्ट देने का अतिरिक्त एकत्रित होता है, कैपेसिटर का कैपेसिटेन्स 20 फैराड होगा ।

 कैपेसिटर में विद्युत आवेश पराविद्युत में एकत्रित रहता है ।

 कैपेसिटर आवेश में एकत्रित रहता है ।

 कैपेसिटी में परावैद्युत पदार्थ के स्थान पर चालक पदार्थ रखा जाए तो प्लेट्स लघु परिपथ होगी ।

 किसी चालक में धारा प्रवाहित करने पर उसमें संबंधी जूल   का नियम होता है ।

 किसी हीटर एलीमेंट के फ्यूज होने पर,एलीमेंट के उस भाग को हटाकर पुनः प्रयोग करने पर हीटर की शक्ति बढ़ेगी ।

 एक 100 वाट के लैंप को हीटर की श्रेणी में जोड़ा गया ,अब यदि 100 वाट के स्थान पर 40 वाट का लैंप जोड़ा जाए तो हीटर की शक्ति घटेगी ।
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